Friday, October 29, 2021

सोरियासिस रोग के कारण और उपचार

सोरियासिस रोग के कारण और उपचार  :

        सोरियासिस एक जटिल बीमारेके स्वरूपमे  उभर कर आ रहा है । कई सारे लोग इस रोगसे सालो साल प्रभावित होते रहेते है। लाइफस्टाइल से लेकर हमारी ख़ुराक तक काफी सारे पहलू सोरियासिस के रोग को बढ़ावा देते है । सोरियासिस से कई लोग मानसिक तनाव ग्रस्त होते हुए भी हमने देखे है । जटिल होने के बावजूद भी आयुर्वेद उपचार से सोरियासिस ठीक जरूर होता है ।



सोरियासिस होने के कारण क्या है ?
  • त्रिदोष : आयुर्वेद विज्ञान के अनुसार यह वात अवम पित्त या  कफ अवम पित्त दोषकी बीमारी है ।
  • वात और पित्त के दूषित होने से कीटीभ नामक सोरियासिस पैदा होता है ।
  • कफ और पित्त के दुहसित होने से एक कुष्ठ नामका सोरियासिस बनता है ।
  • लाइफ़स्टाइल : हमारी जीवन शैली का प्रभाव शत प्रतिशत इस रोग पर होता है ।
  • ख़ुराक : विरुद्ध आहार, वायु और पित्त दोष को दूषित करने वाला ख़ुराक, बासी खाना, दहीं, मटर-चना - आदि वायु वर्धक ख़ुराक का अति सेवन करने से सोरियासिस हो सकता है


  • व्यसन : मद्यपान ( alcohol ), तंबाखू - smoking आदि सोरियासिस को बढ़ावा दे सकते है ।
  • कमजोर रोगप्रतिकरक शक्ति
  • मानसिक भाव : स्ट्रेस, चिंता, गुस्सा, निंद ठीक से न करना, रात्री जागरण आदि सोरियासिस रोग के लिए मुख्य कारण है ।
  • सोरियासिस को ऑटो इम्यून डिस ऑर्डर भी माना जाता है । यानि की हमारा इम्यून सिस्टम हमरे ही खिलाफ हो जाता है । इसमे हमारी रोगप्रतिकरक शक्ति इतनी ज्यादा उत्तेजित हो जाती है की उससे प्रभाव से सोरियासिस बढ्ने लगता है ।
  • जीनेटिक कनैक्शन : यह आनुवांशिक रोग भी माना जाता है । अगर मातापिता को सोरियासिस की बीमारी है तो आनेवाली पीढ़ीमे वो आ सकती है ।
  • सोरियासिस रोग के कुछ कारण आधुनिक विज्ञान अभी तक समज नहीं पाया है ।

सोरियासिस के लक्षण कैसे होते है ?
  • त्वचा पर सूजन
  • लाल - सफ़ेद चकते
  • कभी कभी खुजली जलन
  • त्वचा की परत सुखी होकर सफ़ेद पपड़ी निकलना
  • त्वचा के चकते पर दरारे आना और दर्द होना
  • नाखून मोटे और उसमे धब्बे आना
  • जोड़ो मे दर्द और सूजन आना
  • सिर की त्वचा पर सूजन और डेंड्रफ जैसी पपड़ी निकलना
  • कभी कभी सोरियासिस इतना बढ़ जाता है की मांसपेशिया कमजोर हो जाती है, ठंड बहुत लगती है और बुखार भी आ जाता है ।



सोरियासिस से कौनसे अंग प्रभावित होते है ?
  • सोरियासिस पूरे शरीर पर दिखाई सकता है
  • हाथ और पैरो पर : कोहनी, घुटने और उँगलियो पर प्रथम दिखता है ।
  • सोरियासिस पीठ - पेट और छाती पर ज्यादा देखने मिलता है
  • जब रोग नया होता है तब छोटे छोटे लाल-सफ़ेद चकते दिखते है और धीरे धीरे फैलते है ।
  • कुछ लोगो को सिर्फ सिर पर ( scalp Psoriasis )  होता है, कई बार इसे डेंड्रफ समजकर अनदेखा किया जाने पर बढ़ जाता है ।
  • सोरियासिस लंबे समय तक रहने पर हड्डियोंकों भी कमजोर बनाकर संधिवात ( सोरियाटिक आर्थेराइटिस ) पैदा करता है ।


क्या सोरियासिस छूने से फैलता है ?
  • नहीं, सोरियासिस यह चेपी नहीं है । सोरियासिस के पेशंट को छूने से यह बीमारी नहीं फैलती है । 


सोरियासिस के लिए क्या उपचार है ?
  • औषध : आयुर्वेद औषधि का सही चुनाव और मात्रा सोरियासिस रोग को ठीक कर सकता है, आयुर्वेद के डॉक्टर की सलाह से उपचार शुरू करे ।
  • बाह्य लेप : त्वचा पर लगाने के लिए डॉक्टर की सलाह से औषधीय तेल / औषधयुक्त क्रीम - लोशन लगाए
  • लाइफ़स्टाइल मे उचित बदलाव लाये
  • खुराक सादा - बिना मसालो वाला ले, संतुलित खुराक ले
  • मांसाहार बंद करे
  • नमकीन, तीखा, खट्टा और अम्लीय खुराक बंद करे
  • अचार, बैगन, आलू, मटर, चना आदि बंद करे
  • विरुद्ध खुराक बंद करे ( आयुर्वेद डॉक्टर की सलाह ले )
  • सात्विक भोजन ज्यादा फायदेमंद है
  • जंकफूड, पेकेट फूड, प्रेसेर्वेटिव वाले खुराक बंद करे
  • रात की अच्छी नींद ले
  • मद्यपान / स्मोकिंग / तंबाखू आदि व्यसन से दूर रहे
  • तनाव, चिंता, गुस्सा आदि मानसिक भाव दूर करने के लिए प्रयत्न करे
  • योग - प्राणायाम - सूर्य नमस्कार नियमित करे
  • सोरियासिस एक जटिल बीमारी है, जिसके उपचार के लिए दोष और धातु के स्टार पर चिकित्सा के साथ साथ दूसरे काफी पहलू पर काम करना पड़ता है ।
  • इसलिए सोरियासिस के उपचार को लंबा समय देना जरूरी होता है । साथ ही खानपान - लाइफ़स्टाइल की परहेज रखना अत्यंत आवश्यक होता है ।
  • खास ध्यान रखे की - सोरियासिस कई सारे प्रकार के होते है, इसलिए रोग का डॉक्टर के पास जाकर सही निदान करवाना भी बहोत आवश्यक है, सही निदान किए बिना उपचार सफल नहीं होंगे। इसलिए आयुवेद के मान्यताप्राप्त डॉक्टर के पास जाकर प्रथम निदान और फिर उनकी सलाह से उपचार शुरू करे ।
श्री माधव स्मरण आयुर्वेद क्लीनिक पर त्वचा रोगके आयुर्वेदिक उपचार किसी भी दुष्प्रभाव से मुक्त होने के साथ-साथ प्राकृतिक और आयुर्वेद के सिद्धांतो के आधीन भी हैं। यहां सभी त्वचा से संबंधित विकारों का इलाज सर्वोच्च प्राथमिकता और संवेदनशीलता के साथ किया जाता है !
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🩺 डॉ. जिगर गोर ( आयुर्वेद विशेषज्ञ )
🏥 श्री माधव स्मरण आयुर्वेद क्लीनिक
🍃2007 से आपकी स्वास्थ्य सेवा में ।

🗺 नारायण कॉम्प्लेक्स, लोहाणा समाजवाडी के पास, नवावास, माधापर, भूज - कच्छ, गुजरात
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