Tuesday, April 19, 2022

लीवर ( यकृत ) को स्वस्थ कैसे रखें ?

 लीवर ( यकृत ) को स्वस्थ कैसे रखें ?

लीवर ( यकृत )  से संबंधित बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर 19 अप्रैल को "विश्व लीवर दिवस" मनाया जाता है।


आयुर्वेद में, यकृत को शरीर का इंजन कहा जाता है, शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक घटकों का पाचन, चयापचय की क्रिया और रक्त निर्माण में इसकी कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ होती हैं।

लीवर के कार्य:

लीवर शरीर का सबसे बड़ा ठोस अंग है। लीवर एक आवश्यक अंग है जो एक रिसर्च के मुताबिक शरीर के 500 से भी अधिक महत्वपूर्ण कार्य करता है। इसमे शामिल है :

- रक्तप्रवाह से विषेले उत्पादों और बाह्य पदार्थों ( forensic partical) को निकालना 

- शरीर में "डी-टॉक्सिफिकेशन" = शरीर की सफाई का महत्वपूर्ण कार्य निभाना

-रक्त शर्करा के स्तर को नियमित करना

- प्रोटीन का संश्लेषण 

- महत्वपूर्ण एंजाइम और हार्मोन पैदा करना

- भोजन के पोषक तत्वों को पचाना और चयापचय करना

- लाल रक्त कोशिकाओं ( red blood cells )का निर्माण

- आवश्यक पोषक तत्वों का निर्माण....आदि...

लीवर को स्वस्थ कैसे रखें ?:

वैसे, सबसे अच्छी बात यह है कि लीवर खुद को ठीक करना सही से जानता है - हमें बस उसे उचित सहारा देना है जिससे हमारा स्वास्थ्य बना रहे।


लीवर की बीमारी से बचने का सबसे अच्छा तरीका स्वस्थ जीवन की दिशा में सक्रिय कदम उठाना है। 

निम्नलिखित कुछ हेल्थ टिप्स हैं जो लीवर को ठीक उसी तरह काम करने में मदद करेंगी:

- नमकीन, खट्टा और तीखा (मसालेदार) स्वाद को कम करते हुए मीठे, कड़वे और कसैले स्वाद पर जोर दें।

- कड़वा स्वाद विशेष रूप से लीवर के लिए सहायक होता है क्योंकि यह प्रकृति में ठंडा और सफाई करने वाला होता है।

- मनोरंजक या नुस्खे वाली दवाओं, शराब, या तंबाकू आदि सभी उत्तेजित पदार्थो का सेवन बंद करें ।

- लीवर को सही मायने में आराम देने के लिए: रिफाइंड शुगर, तेल और वसा का सेवन कम से कम करना सबसे अच्छा है ।

- अपने भोजन में ठंडा करने वाले, पित्त को संतुलित करने वाले मसाले और गार्निश जैसे पिसा हुआ धनिया, ताजा सीताफल, सौंफ, जीरा, हल्दी, पुदीना और नींबू या नीबू का रस चुनें।

- हररोज निश्चित समय पर  भोजन करने की कोशिश करें, सूरज के साथ या उससे पहले भी उठें, और रात में सोने के समय भी तय रखें। 

- सुबह या शाम को नियमित रूप से व्यायाम करें।

- भावनात्मक संतुलन बनाए रखे: क्रोध, ईर्ष्या, चिड़चिड़ापन जैसी भावनाओं पर नियंत्रण रखने की कोशिश करें। क्योंकि हमारी मानसिक भावनाओं का सीधा असर हमारे लीवर पर पड़ता है। लीवर के बेहतर स्वास्थ्य के लिए अपनी भावनाओं को संतुलित करें। सकारात्मक सोच रखे और तनाव से मुक्ति पाएं। 

- भोजन लेते वक्त भी अन्य बातों का विचार ना करते हुए सिर्फ भोजन पर ध्यान कंद्रित करे। भोजन लेते वक्त मन को शांत और स्थिर करे ।

- ध्यान, प्राणायाम और योग का नियमित अभ्यास लीवर के लिए फायदेमंद होता है।

- आयुर्वेद में कई जड़ी-बूटियां पित्त को संतुलित करने, संचित गर्मी को दूर करने, रक्त को साफ करने, पित्त के प्रवाह को प्रोत्साहित करने और लीवर को डिटॉक्सीफाई करने में बहुत प्रभावी हैं। हमने हमारे आयुर्वेद सेंटर पर लीवर से जुड़ी कई समस्याओं का निराकरण किया है! 

याद रखें, आयुर्वेद के प्राथमिक सिद्धांतों में से एक यह है कि हमें व्यक्तियों का इलाज करना चाहिए-उनके लक्षणों का नहीं। लीवर के स्वास्थ्य को ठीक करने के लिए भी निदान करना आवश्यक है तभी सही उपचार हो सकता है।

इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श लें। योग्य आयुर्वेद चिकित्सक आपको आपके लीवर के स्वास्थ्य के लिए अच्छी दवाएं दे पाएंगे।




आयुर्वेद परामर्श- कंसल्टिंग, निदान और चिकित्सा के लिए आप हमारा संपर्क दिए गए नंबर पर फोन कर के कर सकते है।