कोरोना वेक्सिन : सब कुछ जो आप जानना चाहते है
करीबन एक साल पहेलाए तक हमने कोरोना का नाम भी नहीं सुना था। लेकिन पिछले एक सालमे बच्चे से लेकर बूढ़े तक हर कोई यह नाम से परिचित था। कोरोना के इन्फेक्शन की वजह से काफी सारे लोग अचानक बीमार पड़ने लगे । सांस की बीमारी, खांसी और बुखार जैसी सामान्य बीमारियाँ जिसके हम कई सालों से आदि थे वे लक्षण जानलेवा बन रहे थे। पूरी दुनिया मे अचानक ही एक डरावना माहोल खड़ा हो गया था । हर कोई बाहर जाने से डरने लगा था और संक्रमित होने का भय मानो दिलोदिमाग पर हावी हो चुका था । कई सारे लोग डर के मारे घर से बाहर नहीं निकाल रहे थे । कोरोना का इन्फेक्शन तो नहीं हुआ लेकिन भय और डर के कारण मानो रुग्ण जरूर बन गए ।
धीरे धीरे
डॉक्टर और वैज्ञानिक कोरोना के बारे मे और
उसके उपचार के बारे सब माहिती बटोरते रहे । यह नए विषाणु के सामने टीका – वेक्सिन
बनाने के प्रयास मे पूरी दुनिया जुड़ गयी । अब नए साल मे वेक्सिन भी बाज़ार मे आ गयी है ।
पूरी दुनिया अपनी उम्मीदे वेक्सिन पर लगा बैठा है । इस बीच अखबारों और न्यूज़ चेनल
पर कोरोना की वेक्सिन के साइड एफ़ेक्ट्स के बारे मे तरह तरह के न्यूज़ आने लगे है । कोरोना
से भी ज्यादा चर्चा आजकल इसके टीके की हो रही है लेकिन इसके ट्रायल के दौरान कुछ
साइड एफ़ेक्ट्स की बाते भी छिड़ी थी । यह वेक्सिन सुरक्षित नहीं है ऐसी अफवाओ ने भी
काफी ज़ोर पकड़ा हुआ है । इस बीच अब लोग कोरोना से ज्यादा उसकी वेक्सिन को लेकर डर महसूस
कर रहे हैं।
भारत मे भी
अब टीकाकरण चालू हो गया ह। ये जब लिख रखा हूँ तब कोरोना-वेक्सिन प्रोग्राम को शुरू
हुए करीबन एक सप्ताह होने आया है। अब लोग डर के मारे द्विधा मे हैं । क्लीनिक पर भी
आयदिन मेरे पेशंट भी यही बात पूछ रहे हैं की हम वेक्सिन ले या न ले ? अगर वेक्सिन नहीं लेते है तो
इन्फ़ैकशन होने का डर है और अगर टीका लेते हैं तो साइड इफैक्ट होने का डर है । एक
तरफ खाई और दूसरी और कुंवा जैसा हाल हो रहा है । लेकिन अफवाओं पर और गलत माहिती परा
ध्यान नहीं देना चाहिए । आइये वेक्सिन से जुड़े कुछ प्रश्न और उनके उत्तर जानते है , जिसे जानकार आपके सारे संदेह दूर हो
जाएंगे ।
1.
टिकाकरण – वेक्सिन
क्या है ?
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रोगप्रतिकारक बल प्राप्त करने के आयुर्वेद मे तीन प्रकार
बताए है : सहज बल, कालकृत बल और युक्तीकृत
बल । सहज बल हमे जन्मसे ही मिली हुई शक्ति है । समय / आयु के अनुसार कुछ शक्ति
शरीर को मिलती है जिसे कालकृत बल कहेते है । युक्तिप्रयोग से हांसील बल को
युक्तीकृत बल कहेंगे । टीका – वेक्सिन यह युक्तीकृत बल का ही एक भाग है । युक्ति
पूर्वक शरीर की रोगप्रतीकारक बल हम वेक्सिन के द्वारा बढ़ाते है ।
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वेक्सिन यह एक जैविक पदार्थो से बना तरल है जो सूक्ष्मजीवों
को नष्ट करनेकी क्षमता रखता है । जन्म से लेकर समय समय पर शरीर मे कुछ बीमारियाँ न
हो उनके बचाव के लिए, रोग
के प्रति रक्षण के हेतु से टीके /
वेक्सिन लगाए जाते है । पोलियो , टिटनस, खसरा, हेपटायटीस जैसे टीके हम सभी ने लगाए है । राष्ट्रीय टिकाकरण अन्तरगत हमने
पोलियो सहित कई बीमारियोको नाबूद कर दिया है । वेक्सिनसे शरीर की शक्ति उस रोगके
लिए बढ़ जाती है और बीमारी की रोकथाम हो सकती है । वेक्सिन न केवल बीमारी को काबू
मे रखता है बल्कि बीमारी को फैलने से भी रोकता है ।
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कोरोना वेक्सिन |
2.
मानव इतिहास की सबसे पहली वेक्सिन कौनसी थी ?
1796 मे डॉ. एडवर्ड जेनर ने चेचक के टीके का आविष्कार किया था । यह सबसे प्रथम
वेक्सिन मनी जाती है । उसके बाद फ्रेच वैज्ञानिक लुई पाश्चर ने रेबीज़ के टीके का
आविष्कर किया था । यह वेक्सिन से मेडिकल दुनिया मे मानवता को रोगों के संकट से
बचाने का एक नया अध्याय शुरू हुआ था ।
3.
कोरोना वेक्सिन कम समय मे कैसे तैयार हुई ?
जैसे ही कोरोना का प्रकोप दुनिया भर मे बढ़ता गया, देश-विदेश के सारे वैज्ञानिक डॉक्टर
वेक्सिन ढूँढने मे लग गए थे । नए जीवाणु की कोशिकाओ के अध्ययन से लेकर, रिसर्च देवलोपमेंट, दुष्परिणाम प्रभाव और ट्रायल तक के
कई सारे पहलू इसमे मौजूद होते है । वेक्सिन का निर्माण करना एक जटिल कार्यप्रणाली
है । कई टीके को बनाने मे सालों गुज़र गए है । लेकिन कोरोना महामारी के इस दौर मे
हमे वेक्सिन की जरूरत भी उतनी ही ज्यादा थी । वैज्ञानिको की अथाग महेनत के परिणाम, एक साल से भी कम समय मे कोरोना की
वेक्सिन बन कर तैयार हो गयी है । यह एक बेमिसाल कीर्तिमान से कम नहीं है । लेकिन
यह याद रहे की एक साल से भी कम समय मे तैयार हुई यह वेक्सिन मे सभी पहलुओ का ध्यान
रखा गया है ।
4.
वेक्सीन कैसे कार्य करती है ?
आयुर्वेद मे कहा गया है की : “विषस्य विषम औषधम ।“
– याने की विष ही विष को मारता है ।
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वेक्सिन भी यही बात के आधार पर बनती है । सुषुप्त और
निरुपद्रवी (आधे मरे ) जीवाणुओ का एक विशिष्ट पद्धति से जैविक तरल तैयार किया जाता
है । इस जैविक तरल / वेक्सिन को शरीर मे प्रवेश कराया जाता है ।
-
वेक्सिन के जैविक पदार्थ शरीर मे जाकर शरीर की रोगप्रतीकारक
सिस्टम को एक्टिवेट करते है । हमारा शरीर उन जहरीले वायरस – रोगकारक जीवाणु के विष
से रक्षण के लिए प्रतिरक्षी कोष ( antibody ) का निर्माण करता है । अगर हमारे शरीर मे यह अंटीबोंडी
नामके सैनिक पर्याप्त मात्र मे है तो इन्फ़ैकशन – जीवविष से हमारे शरीर को कुछ नुकसान
नहीं होता है ।
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इस तरह यह अंटीबोंडी द्वारा शरीर की इम्यून सिस्टम सुचारु
रूपसे कार्यक्षम हो जाती है । एक सुरक्षा कवच हमारे शरीर को भविष्यमे आनेवाले
विषाणुके हमले के खिलाफ अंटीबोंडी नामके सैनिक द्वारा मिलता है। इस कारण इन्फ़ैकशन के प्रभाव मे शरीर आने पर भी
हमारा शरीर उस टॉक्सिन को तुरंत नष्ट कर देता है, और बीमारी हमारे शरीर मे बढ़ती ही नहीं है ।
5.
भारत मे कोरोना वेक्सिन कौनसी है ?
यह जब हम लिख रहे हाँ तब (जनवरी 2021 मे ) भारत सरकार द्वारा कोरोना के 2 कंपनी के टीके जारी किए गए है ।
जिनका नाम कोविशील्ड (Covishield) और कोवेक्सीन (Covaxin) है।
यह दोनों टीको मे से कोई एक ले सकते है । यह स्नायु के इंजेक्शन (intramascualr) के रूप मे दो खुराक मे दी जाती है ।
पहेले डॉस की मात्र 0.5 ml है ।
दूसरा डॉस 28 दिनोके बाद दिया जाता है ।
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लेबॉरेटरी |
6.
कोरोना वेक्सिन से क्या साइड एफेक्ट का खतरा है ?
-
वेक्सिन लेने से हर किसी को उसके दुष्प्रभाव दिखाई दे यह
मुमकिन नहीं है । ICMR ( Indian Medical
Research Council) के मुताबिक कुछ को हल्के से साइड एफेक्ट होनी की संभावना रहती है ।
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आंकड़ो के मुताबिक 18 जनवरी तक 4,81000 लोगों को कोरोना वेक्सिन दिया गया है
और उनमे से सिर्फ सिर्फ 580 लोगो मे याने की करीबन 0.2% लोगों को साइड इफैक्ट
देखने मिले है । ये साइड इफ़ेक्ट्स हल्का बुखार, गले की खराश जैसे मामूली से लक्षण है जो अपने आप चले भी गए है । करोना
वेक्सिन भी सारे ट्रायल और रिसर्च के परीक्षणों से गुज़रने के बाद ही हमारे सामने
आई है । इसलिए कोरोना वेक्सिन का टीका लेना सुरक्षित है। साइड एफेक्ट की अफवाओ पर
ध्यान न दे।
7.
कोरोना वेक्सिन के साइड एफफ़ेक्ट्स क्यूँ दिख रहे है ?
-
कोरोना की वेक्सिन हो या और कोई दूसरी, वेक्सिन के टीके दिये जाने पर
अनपेक्षित परेशानीयुक्त लक्षण - साइड एफेक्ट की संभावना रहेती ही है । इसे मेडिकल
की भाषा मे
Adverse Effects Following Immunization (AEFI) कहा जाता है । यह लक्षण / साइड
एफेक्ट मामूली , गभीर या अतिगंभीर हो
सकते है ।
-
यह AEFI के
लिए मेडिकल – प्रोटोकॉल तय किए जाते है । जिसके जुड़े हर गंभीर संभावनाओ पर
सायंटिफिक विचार और उसके हल का उपाय भी तैयार किया जाता है । कोरोना की विक्सिन के
लिए भी यह प्रावधान किया गया है । जिसके अंतर्गत टिककरण केंद्र पर मौजूद डॉक्टर और
स्टाफ को उसके बारे मे प्रशिक्षण दिया जाता है । यह प्रोटोकॉल के अंतर्गत टीका
देने के बाद व्यक्ति को कुछ मिनिट केंद्र पर ही रुकने के लिए कहा जाता है जिससे दुष्प्रभाव
के लक्षण का परीक्षण किया जा सके ।
-
घर पर जाने के बाद अगर कोई तकलीफ हो तो वे डॉक्टर / हेल्थ
वर्कर से संपर्क कर पाये इसलिए टीका लेने वाले व्यक्ति को आपातकालीन नंबर और टीके
की माहिती का कार्ड भी प्रदान किया जाएगा ।
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कोरोना वेक्सिन |
8.
कोरोना वेक्सिन कौन ले सकता है ?
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कोरोना वेक्सिन 18 साल से बड़े उम्र के लोग ले सकते है ।
कोरोना वेक्सिन 18 साल के कम उम्र के लोगो को नहीं देनी है ।
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गर्भवती महिलाएं, शिशु को स्तनपान करती महिलाओं को यह वेक्सिन नहीं लेनी है ।
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जो व्यक्ति के रेपोर्ट्स कोविड पॉज़िटिव आए है उन्हे नहीं
लेनी है । किन्तु जो लोग कोरोना के इन्फ़ैकशन से सम्पूर्ण ठीक हो गए हैं वे कोरोना
वेक्सिन ले सकते है ।
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कोरोना संक्रमित रुग्ण जिनहोने हाल मे ही अंटीबोंडी /
प्लाज़्मा थेरेपी ली हो वे नहीं ले सकते है ।
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और कोई बीमारी के कारण से अगर आपकी कोई ट्रीटमेंट चालू हो
या आप हॉस्पिटल मे बहरती हुए हो तो यह कोरोना वेक्सिन अभी न ले ।
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किडनी – ह्रदय की बीमारिया, केन्सर, फेफड़ों की तकलीफ से
ग्रस्त दर्दी उनके डॉक्टर से परामर्श के बाद ही कोरोना की वेक्सिन ले ।
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पहेले कोई दूसरे टीके से या इंजेक्शन लेने पर, या कोई ड्वाइयों से अगर रिएक्शन हुआ
हो तो उन्हे पहेले उनके डॉक्टर से परामर्श लेना उचित होगा ।
9.
कोविन एप ( Co-Win App ) क्या है ?
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कोविन एप के जरिये भारत के लोग अपना आवेदन का पाएंगे ।
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कोविन एप ( Co-Win App ) यह
“कोविड – 19 वेक्सीनेशन” के कार्यक्रम का डिजिटल प्लैटफ़ार्म है । इस एप के माध्यम से टिकाकरण की माहिती का
रेकॉर्ड – डेटाबेस रखा जाएगा ।
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फिलहाल यह ऐप्लीकेशन किसी भी एप – स्टोर पर उपलब्ध नहीं है
। अभी शुरू के दौर मे स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर्स के टिकाकरण के बाद आम
लोगो के लिए पंजीकरण के लिए उपलब्ध होगी ।
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यह एप पर एक बार सेल्फ रजिस्ट्रेशन करने के बाद आपके मोबाइल
नंबर पर पंजीकरण स्वीकृति की जानकारी दी जाएगी । और उसके बाद वेक्सिन देने की जगह, तारीख, और समय आदि की जानकारी मिलेगी ।
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भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जानकारी दी गई है की इस
एप के नकली वर्जन मार्केट मे दिख रहे है जिसे डाउनलोड न करे । Co-Win App जल्द ही लौंच होगा और उसकी आधिकारिक जानकारी भी दी जाएगी ।
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मास्क पहेने |
10.
क्या कोरोना वेक्सिन लेने के बाद भी मास्क पहेनना पड़ेगा ?
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कोरोना वेक्सिन लेने के बाद 7-15 दिनों मे वेक्सिन प्रभावी
रूप से शरीर मे कार्य करने लगती है । वेक्सिन के ट्रायल के अनुसार यह 65-80% तक
प्रभावी रूप दिखा पाएगी । इसलिए इन्फ़ैकशन होने के कुछ मौके बचते है यह निश्चित है
।
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इसके अलवा भी कई सारे लोग टीके लगाने का इंतज़ार कर रहे है
और वे जब तक इम्यून नहीं होते तब तक संक्रमण फ़ेला सकते है ।
- भारत मे मिलने वाली वेक्सिन के बॉक्स पर “ सर्वे संतु निरामय : ।“ (सभी लोग रोग मुक्त हो) एसा लिखा है । कोरोना की यह महामारी के नाश के लिए हम सभी को जागृत बनना होगा । कोरोना महामारी से बोधपाठ लेकर आगे के भविष्य के लिए हमे क्या क्या सुधार करने चाहिए इस बात की चर्चा मैंने इससे पहेले के आर्टिकल मे की है, अगर आप चाहे तो वो यहा पढ़ सकते है: http://www.msayurved.com/2021/01/blog-post.html
- इसलिए जितना हम चाहते है उतनी जल्दी मास्क या सेनीटाइजर से छुटकारा नहीं मिलेगा । खुद को सुरक्षित रखने के लिए मास्क का उपयोग जरूर करे, सोशियल डिस्टन्स बनाए रखे और सेनेटाइज़र का योग्य उपयोग करके स्वछता बनाए रखे । टीका सिर्फ बीमारी को रोकने के लिए है । हर्ड-इम्युनिटी द्वारा ही हम हमारी शक्ति कोरोना के खिलाफ बढ़ा पाएंगे और खुद को सुरक्षित कर पाएंगे ।
मास्टर स्ट्रोक : आज, जब हमने अपना वैक्सीन विकसित किया है, तो दुनिया भारत की ओर आशा से देख रही है। जैसे-जैसे हमारा टीकाकरण अभियान आगे बढ़ेगा, दुनिया के अन्य देश इससे लाभान्वित होंगे। भारत की वैक्सीन और हमारी उत्पादन क्षमता का मानव हित के लिए उपयोग किया जाना चाहिए, यह हमारी प्रतिबद्धता है।-माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी
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