कोरोना महामारी के समय मे कपूर – अजवायन पोटली कितनी फायदेमंद है ?
हररोज एकतरफ कोरोना के संक्रमित दर्दी बढ़ रहे है, तो दूसरी तरफ हर कोई सुरक्षा पाने हेतु नए
नए प्रयोग किए जा रहा है । व्हाट्सअप और शोसियल मीडिया की युनिवेर्सिटी मे नए नए
उपचारो की खोज होती रहेती है । ऐसे रोगप्रतीकारक शक्ति वर्धक नुस्खे आयुर्वेद के
नाम पर हर कोई वीडियो – इमेजिस आदि फॉरवर्ड कर कर के हमारा इनबॉक्स भरता रहेता है
। कुछ लोग बिना परख किए ऐसे नुस्खे आजमाते है । और कई बार इनसे फायदा ना होकर
तकलीफ बढ़ भी जाती है । आयुर्वेद के कोई भी उपचार आयुर्वेद के क्वालिफाइड डॉक्टरकी
सलाह के बाद ही अपनाए यह मेरा खास अनुरोध है ।
आजकल ऐसा ही एक मेसेज, हमारे शरीर मे ऑक्सिजन लेवेल को बढ़ाने के लिए आजकल वायरल हुआ है । आइये जानते है की यह अजवायन कपूर पोटली प्रयोग क्या है और
यह कितना अक्सीर है ।
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social media viral image(@cinnabar_dust) |
क्या है कपूर – अजवायन पोटली मिश्रण? :
अजवायन के साथ कपूर, लॉन्ग के मिश्रण मे नीलगिरी के तैल को मिलाकर उस मिश्रण की पोटली बना ले। उस पोटली को दिन रात सूंघने से हमारे शरीर मे ऑक्सिजन लेवेल बढ़ता है ऐसा दावा आजकल इंटरनेट पर किया जा रहा है ।
क्या है सच कपूर – अजवायन पोटली का ? :
आयुर्वेद मे कई सारे उड़नशील तैल युक्त वनस्पतियों के औषधि गुणो
की माहिती मिलती है । जिनमे से अजवायन, लॉन्ग, नीलगिरी, पुदीना आदि वनस्पतिया शमाविष्ट हैं । इन वनस्पतियों मे एक विशिष्ट प्रकार
का तैल मिलता है । वनस्पति को मसलने से या हल्का गरम करने से उनमे से यह तैल (
जिसे उड़नशील तैल कहते है ) निकलता है । जिसे सूंघने से उनके गुणो के मुताबिक वे
हमारी श्वास नलिकाओ को विस्फारित – चौड़ी करते है । यानि की,
इन्फेक्शन के दौरान संकुचित हुई श्वासकी नलिका इस तैल को सूंघने के कारण चौड़ी हो
जाती है, साथ ही नलिका के रास्ते मे अटका हुआ-जमा हुआ कफ
पिघलकर कर हट जाता है और श्वास नलिकाओ की जकड़न दूर हो जाती है , जिससे रुग्ण को सांस लेने मे आसानी हो जाती है । श्वास नलिकाये चौड़ी हो
जाने की वजह से ज्यादा ऑक्सिजन युक्त हवा शरीर मे प्रविष्ट होती है । इस तरह हमारे
शरीर मे ऑक्सिजन का लेवल बढ़ता है ।
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अजवायन ( Pic credit : ayurvedsadhanaa.com ) |
कैसे बनाए अजवायन – कपूर की पोटली? :
यह पोटली पर्वतारोहक प्रवासी भी
सूंघने के लिए इस्तमाल कर सकते है। हिमालया – लद्दाख जैसी ऊंचाई वाली जगह पर, जहां हवा पतली रहती है, वातावरण मे ऑक्सिजन लेवेल कम होता है वहाँ सांस लेने मे थोड़ी तकलीफ हो
सकती है । तब यह पोटली सूंघने से श्वास नलिकाए चौड़ी हो जाती है, जिससे ज्यादा हवा फेफड़ो मे जाती है और साँस फूलती नहीं है ।
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breathing |
क्या कपूर – अजवायन पोटली सुरक्षित है ?:
कोई भी उपचार सही ढंग तरीके से कीया जाए तो जरूर फायदेमंद रहेता
है । लेकिन, रुग्ण की प्रकृति और
स्वास्थ्य की अवस्था बिना समजे, और आयुर्वेद के डॉक्टर की
सलाह लिए बिना अगर कोई भी उपचार किया जाए तो वो तकलीफदेय हो सकता है । इसके लिए
कुछ बात ध्यान रखनी जरूरी है ।
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कपूर, अजवायन, लॉन्ग, पुदीना या अन्यकोई भी उड़नशील तैली वनस्पतिकी एलर्जि कई लोगो को होती है, तो उनके लिए यह उपचार फायदेमंद नहीं है ।
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यह खास
समजे की जरूरत है की इस उपचार से सीधे सीधे ऑक्सिजन लेवेल नहीं बढ़ता है, किन्तु श्वास नलिकाये विस्फारित होकर उनसे
ज्यादा ऑक्सिजन युक्त हवा अंदर जाने से हमारे शरीर मे ऑक्सिजन लेवेल की मात्रा
बढ़ती है ।
इसलिए ज्यादा ऑक्सिजन बढ़ाने के लिए इसको इतना भी न सूंघे की
आपके नाक और श्वास की नलिकाए ज्यादा इरिटेट होकर जलन पैदा करने लगे ।
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भीमसेनी कपूर ( Pic Credit: epuja.co.in ) |
- इस
पोटली को बनाने मे भीमसेनी कपूर का उपयोग करना है । यह औषधीय प्रकार का कपूर है ।
कपूर की अलग अलग प्रकार बाज़ार मे उपलब्ध है । पूजा मे इसतमाल होते कपूर रासायनिक
प्रक्रिया द्वारा बनाया जाता है जिसमे हानिकारक केमिकल की मात्रा ज्यादा रहेती है
जो औषधीय गुणो से बिलकुल विपरीत है । आयुर्वेद की औषधियों मे सिर्फ भीमसेनी कपूर
का उपयोग ही किया जाता है । कपूर को चिकित्सक की सलाह लिए बिना उपचार के उपयोग मे
नहीं लेना चाहिए ।
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कपूर
को अल्प मात्रा मे उपयोग करने से वह श्वास की नलिकाओ का विस्तार करता है, लेकिन वही ज्यादा मात्र मे वो आकुंचन –
तनाव भी कर सकता है ऐसा आयुर्वेद मे वर्णन मिलता है ।
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कपूर
की ज्यादा मात्र से चक्कर आना, उल्टी
होना, तंद्रा, ह्रदय की रक्त नलिकाओं
पर दबाव, बेहोशी आदि लक्षण देखने मिलते है, इसलिए कपूर का उपयोग अल्प मात्रा मे ही हितावह है ।
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उपचार
लेने से पहेले अपने आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह अवश्य ले ।
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नीलगिरी
के तैल के बारे मे भी यही मत है की वह अल्प मात्र मे ही उपयोग करना अच्छा रहेता है
।
- अगर कपूर न मिले तो भी, सिर्फ अजवायन – लॉन्ग की पोटली बनाकर उसको भी बार बार सूंघनेसे, रुग्ण के स्वास्थ्य एवं प्रकृती के आधार पर उपयोग करने से जरूर लाभकारी होगा है ।
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